भारत की नदी प्रणाली (river system of india in hindi upsc pdf) के बारे में अति महत्वपूर्ण पूरी जानकारी इस आर्टिकल में दी गई है, जहां पर हिमालय और प्रायद्वीपीय भारत की नदियों को विस्तार से समझाया गया है |
अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो भारत के भूगोल का यह महत्वपूर्ण टॉपिक है, जहां पर विभिन्न नदियों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं | और आपकी सुविधा के लिए यह Article तैयार किया गया है |
यहां पर पहले हिमालय की प्रमुख नदियों के बारे में समझाया गया है | उसके बाद प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का विस्तार से वर्णन है |
अगर आप इस टॉपिक से किसी भी परीक्षा में पूरे नंबर प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़ कर रिवीजन कीजिए |
महत्वपूर्ण बिंदु -
भारत की नदी प्रणाली | River System Of India In Hindi
जल के स्रोत के आधार पर भारत में नदियों को 2 प्रकार से विभाजित किया जा सकता है –
इस Topic के साथ सामान्य ज्ञान (Statics GK, Polity, Geography, History, Current Affairs) के सभी टॉपिक की PDF Bundles उपलब्ध हैं | |
- हिमालय से निकलने वाली नदियां
- सिंधु नदी तंत्र
- गंगा नदी तंत्र
- ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
- प्रायद्वीपीय भारत की नदियां
- बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदी
- अरब सागर में गिरने वाली नदी
सिंधु नदी तंत्र
- सिंधु नदी का उद्गम स्थल तिब्बत में मानसरोवर के पास में कैलाश पर्वत से होता है |
- सिंधु नदी की लंबाई 3180 किलोमीटर है |
- इसका कुल सिंचित क्षेत्रफल 11,65,000 वर्ग किलोमीटर है |
- यह पाकिस्तान की प्रमुख और सबसे लंबी नदी है |
- यह नदी 3 देशों में प्रवाहित होती हैं – तिब्बत (चीन), भारत और पाकिस्तान |
- सिंधु नदी को पौराणिक नदी भी कहा जाता है जिसका जिक्र ऋग्वेद में भी किया गया है | प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता भी इसी नदी के किनारे थी जिसका प्रमुख शहर मोहनजोदड़ो सिंधु नदी पर हैं |
- भारत में सिंधु नदी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश से गुजरती है |
- लद्दाख की राजधानी लेह सिंधु नदी के किनारे स्थित है |
- उसके बाद यह गिलगित बालटिस्तान में जाती हैं |
- पाकिस्तान के मिठानकोट में पंचनद नदी सिंधु नदी में मिलती है |
- पंचनद नदी सतलुज, व्यास, रावी, चेनाब, और झेलम नदी से ही मिलकर बनी है |
- अंत में यह कराची शहर के पास अरब सागर में मिल जाती हैं |
सिंधु नदी की सहायक नदियां
सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियां निम्नलिखित है – सतलज, व्यास, रावी, चेनाब और झेलम नदी |
- सतलज नदी
- उद्गम स्थल – मानसरोवर राकस ताल (तिब्बत)
- कुल लंबाई – लगभग 1500 किलोमीटर
- भारत में प्रवेश से पहले 400 किलोमीटर तक बहती है |
- सतलज नदी पर ही भाखड़ा नांगल बांध बने हुए हैं |
- व्यास नदी
- उद्गम स्थल – व्यास कुंड, हिमाचल प्रदेश
- कुल लंबाई – 470 किलोमीटर
- यह कुल्लू और मनाली से बहती हैं |
- यह नदी पूर्णतया भारत में ही बहती हैं |
- यह नदी हरिके बैराज के पास सतलज नदी में मिल जाती हैं |
- रावी नदी
- उद्गम स्थल – रोहतांग दर्रे के पास, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
- कुल लंबाई – 725 किलोमीटर
- पाकिस्तान का लाहौर शहर और हड़प्पा रावी नदी के किनारे हैं |
- रावी नदी कुछ इलाकों में भारत-पाकिस्तान सीमा बनाती है |
- चिनाब नदी
- उद्गम स्थल – बारालाचा दर्रा, हिमाचल प्रदेश
- कुल लंबाई – 1180 किलोमीटर (भारत में)
- चिनाब नदी सिंधु की सबसे बड़ी सहायक नदी है |
- यह नदी चंद्र और भागा दो धाराओं से मिलकर बनती है |
- झेलम नदी
- उद्गम स्थल – शेषनाग झील, बेरीनाग, जम्मू कश्मीर
- कुल लंबाई – 724 किलोमीटर (भारत में लगभग 400 किलोमीटर)
- झेलम नदी के किनारे श्रीनगर स्थित है और झेलम का पानी ही वूलर झील में जाता है |
- सिंधु की अन्य सहायक नदियों में से जास्कर नदी, श्योक नदी, गिलगित नदी, काबुल नदी, कुर्रम नदी और गोमल नदी है |
गंगा नदी तंत्र
- गंगा नदी विभिन्न नदियों से मिलकर बनी है |
- सबसे पहले गंगोत्री ग्लेशियर, उत्तरकाशी, उत्तराखंड से भागीरथी नदी निकलती है |
- भागीरथी नदी जब देवप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती हैं उसके बाद से यह गंगा नदी के रूप में जानी जाती है |
- अलकनंदा नदी सतोपंथ ग्लेशियर से निकलती हैं |
- अलकनंदा नदी से पांच नदियां विभिन्न स्थानों पर मिलती है और उन्हें पंच प्रयाग कहते हैं, जिसमें विष्णुप्रयाग नंदप्रयाग कर्णप्रयाग रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग शामिल हैं |
- गंगा नदी की कुल लंबाई लगभग 2525 किलोमीटर है |
- गंगा नदी हरिद्वार के बाद में मैदानों में प्रवेश करती हैं |
- बिहार के भागलपुर के बाद में यह नदी दक्षिण की तरफ बढ़ती हैं और फरक्का बांध से पहले दो अलग-अलग शाखा में बट जाती है | पहली दक्षिण में हुगली नदी के रूप में बंगाल की खाड़ी में सुंदरवन का डेल्टा बनाती है और दूसरी बांग्लादेश में पदमा के रूप में आगे बढ़ जाती हैं |
- बांग्लादेश में पद्मा नदी से जमुना नदी (ब्रह्मपुत्र) मिलती है और आगे बढ़ने पर यह मेघना नदी से मिलती है उसके बाद यह मेघना के नाम से बंगाल की खाड़ी में ज्वारनदमुख (Estuary) बनाती हैं |
गंगा नदी अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- गंगा भारत की राष्ट्रीय नदी है |
- भारत की सबसे लंबी नदी है, जिसकी लंबाई 2525 किलोमीटर है तथा विश्व में 34th सबसे लंबी नदी है |
- भारत में, गंगा बेसिन का क्षेत्र 8,62,769 वर्ग किलोमीटर है |
- गंगा डॉल्फिन (Platanista gangetica) को राष्ट्रीय जलीय जीव के रूप में घोषित किया गया है |
गंगा की सहायक नदियां
दाईं ओर से गंगा की सहायक नदियां
दाई ओर से गंगा में मिलने वाली नदियां – यमुना (यमुना की सहायक – चंबल, सिंध, बेतवा, केन), तामस नदी, सोन नदी और पुनपुन नदी |
हुगली की सहायक नदी – अजय और दामोदर नदी
- यमुना नदी
- उद्गम स्थल – यमुनोत्री, बंदरपूंछ पहाड़ी
- कुल लंबाई – 1375 किलोमीटर
- यह गंगा नदी की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है, जबकि यह सबसे लंबी सहायक नदी है |
- यह भारत की सबसे लंबी सहायक नदी है |
- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी से मिलती है |
- तमस नदी
- उद्गम स्थल – तमाकुंड, कैमूर रेंज, मध्य प्रदेश
- तमस नदी सिरसा (उत्तर प्रदेश) में गंगा में मिलती है |
- ऐसा माना जाता है कि ऋषि वाल्मीकि का आश्रम तमस नदी के किनारे था |
- सोन नदी
- उद्गम स्थल – अमरकंटक मध्य प्रदेश
- सोन नदी पटना के पास गंगा नदी से मिलती है |
- सोन नदी की प्रमुख सहायक नदियां हैं – रिहंद नदी और उत्तरी कोयल नदी
- पुनपुन नदी
- उद्गम स्थल – छोटा नागपुर का पठार, पलामू, झारखंड
- यह झारखंड और बिहार से बहती हुई गंगा नदी में मिलती है |
यमुना की सहायक नदियां
- टोंस नदी
- उद्गम स्थल – बंदरपूंछ
- यमुना नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है |
- चंबल नदी
- उद्गम स्थल – विंध्य पर्वत, महू, मध्य प्रदेश
- यह मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बहती है |
- चंबल नदी क्षेत्र बीहड़ के लिए प्रसिद्ध है |
- चंबल नदी की प्रमुख सहायक नदियां हैं – कालीसिंध, पार्वती, बनास, बामणी और मेज नदी |
- सिंध नदी
- उद्गम स्थल – मालवा का पठार, विदिशा, मध्य प्रदेश
- बेतवा नदी
- उद्गम स्थल – विंध्य पर्वत, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश
- कैन नदी
- उद्गम स्थल – विंध्य श्रेणी, जबलपुर, मध्य प्रदेश
बायीं ओर से गंगा की सहायक नदियां
- रामगंगा नदी
- उद्गम स्थल – दुधाटोली श्रेणी, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
- रामगंगा नदी जिम कार्बेट नेशनल पार्क से बहती है |
- इसका प्राचीन नाम रथवाहिनी है |
- रामगंगा, उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ जिले में गंगा नदी से मिल जाती हैं |
- गोमती नदी
- गोमती नदी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के गोमत ताल (फुल्हार झील) से निकलती है |
- गोमती नदी हिमालय से नहीं निकलती बल्कि मॉनसून इसका स्रोत है |
- साईं नदी इसकी सहायक नदी है |
- गोमती नदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा से मिलती है और संगम पर ही मार्कंडेय महादेव मंदिर भी हैं |
- पढ़ें भारत के सभी मंदिर
- घाघरा नदी
- घाघरा नदी नेपाल और तिब्बत की सीमा पर मानसरोवर झील के पास मापचांगो ग्लेशियर से निकलती है |
- घाघरा नदी (1080 KM) गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी और यमुना के बाद दूसरी सबसे लंबी सहायक नदी है |
- यह बिहार के रेवलगंज में गंगा नदी से मिलती हैं |
- घाघरा नदी को करनाली नदी भी कहा जाता है, जो नेपाल में 507 किलोमीटर के साथ देश की सबसे लंबी नदी बनाती है |
- घाघरा नदी की सहायक नदी शारदा नदी है, जिसे काली गंगा या महाकाली भी कहा जाता है |
- इसके अलावा पश्चिमी राप्ती नदी भी इसकी सहायक नदी है |
- घाघरा नदी को ही नीचे वाले क्षेत्रों में सरयू के नाम से जाना जाता है, जिसके किनारे अयोध्या स्थित है |
- गंडक नदी
- गंडक नदी का उद्गम भी नेपाल और तिब्बत की सीमा के पास होता है और यह नेपाल की प्रमुख नदी है |
- धौलागिरी, मानलू और अन्नपूर्णा विश्व की 14 सबसे ऊंची चोटियों में से 3 है, जो गंडक नदी के बेसिन क्षेत्र में स्थित हैं
- भारत में प्रवेश करने के बाद कुछ समय तक उत्तर प्रदेश और बिहार सीमा बनाने के बाद यह बिहार में बहती है |
- इसकी 2 प्रमुख सहायक नदियां हैं – त्रिशूली नदी और पूर्वी राप्ती नदी
- गंडक नदी को नेपाल में नारायणी और सप्तगंडकी नदी के नाम से भी जाना जाता है |
- कोसी नदी
- कोसी नदी का उद्गम तिब्बत और नेपाल की सीमा पर होता है |
- इसे सप्तकोशी के नाम से भी जाना जाता है |
- इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं – कमला, बागमती और बूढ़ी गंडक |
- कोसी नदी को बिहार का शोक भी कहा जाता है |
- महानंदा नदी
- महानंदा गंगा के सबसे पूर्वी सहायक नदी है, जिसका उद्गम पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग पहाड़ी से होता है |
- महानंदा की कुल लंबाई 360 किलोमीटर है, जिसमें से यह आखिरी में 36 किलोमीटर तक वह बांग्लादेश में बहकर नवाबगंज जिले के पास गंगा नदी से मिल जाती हैं |
ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली
- ब्रह्मपुत्र नदी चीन, भारत और बांग्लादेश से बहती है |
- ब्रह्मपुत्र नदी के कुल लंबाई 3080 किलोमीटर है, लेकिन NCERT में 2880 किलोमीटर दिया गया है |
- ब्रह्मपुत्र विश्व की 15th सबसे लंबी नदी है | यहां से पढ़े विश्व की प्रमुख नदियां
- ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम कैलाश पर्वत श्रेणी में मानसरोवर झील के पास चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से होता है |
- तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी को यार्लुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है |
- उद्गम स्थल के बाद लगभग 12 किलोमीटर पूर्व की तरफ कहती है उसके बाद उत्तर की तरफ थोड़ी सी उठने के बाद तेजी से गोर्ज (George) बनाते हुए भारत में अरुणाचल प्रदेश राज्य में प्रवेश करती हैं |
- भारत में प्रवेश करते ही इसे सियांग नदी कहते हैं तथा अरुणाचल प्रदेश के मैदान में प्रवेश करने के बाद इसे दियांग कहते हैं |
- दियांग नदी में लोहित और दिबांग नदी के मिलने के बाद इसे ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है |
- असम में प्रवेश होने के बाद ब्रह्मपुत्र 20 किलोमीटर तक चौड़ी बहती है | असम में स्थानीय स्तर पर इसे लुइत के नाम से भी जाना जाता है |
- असम में डिब्रूगढ़ और लखीमपुर जिलों के बीच यह दो अलग-अलग हिस्सों में बट जाती हैं और इन दोनों के बीच में विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली स्थित है |
- असम के धुबरी से यह गारो पहाड़ियां के समानांतर दक्षिण की तरफ मुड़ जाती हैं जहां पर यह बांग्लादेश के मैदानों में प्रवेश करती हैं |
- बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी से तीस्ता नदी मिलती हैं |
- बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र दो हिस्सों में बट जाती हैं इसका प्रमुख पश्चिमी हिस्सा जमुना के रूप में बहता हुआ भारत से आती हुई गंगा (जिसे बांग्लादेश में पदमा कहते हैं) से मिल जाती हैं |
- इसका पश्चिमी हिस्सा पुरानी ब्रह्मपुत्र नदी के रूप में मेघना में मिल जाती हैं और आगे जाकर मेघना नदी ब्रह्मपुत्र में ही मिलती है |
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां
बायीं ओर से ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां
- दिबांग नदी
- निबंध नदी अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी जिले में चीन सीमा के पास से निकलती हैं |
- यह नदी अरुणाचल प्रदेश और असम से बहती हुई असम के सदिया के पास में दिहांग (ब्रह्मपुत्र) से मिल जाती हैं |
- लोहित नदी
- लोहित नदी पूर्वी तिब्बत क्षेत्र से निकलती हुई अरुणाचल प्रदेश और असम में बहती है |
- लोहित नदी भी असम के सदिया के पास दिहांग (ब्रह्मपुत्र) से मिल जाती हैं |
- दिहिंग नदी
- दिहिंग नदी अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी हिमालय से निकलती है |
- यह असम के डिब्रूगढ़ के पास में ब्रह्मपुत्र से मिलती है |
- दिखौ नदी
- दिखौ नदी नागालैंड के नागा पहाड़ी से निकलकर असम से बहती हुई ब्रह्मपुत्र में मिलती है |
- धनसिरी नदी
- सबसे ज्यादा सर्पिल (meandering) की नदी, धनसिरी नदी नागालैंड में दक्षिण पश्चिम नागा पहाड़ी से निकलती है |
- कोपिली नदी
- कोपिली नदी का नाम कपिल मुनि के नाम पर पड़ा है |
- यह नदी मेघालय के बोरेल पर्वत श्रेणी से निकलती हुई असम में जाकर ब्रह्मपुत्र से मिलती हैं |
दाईं ओर से मिलने वाली सहायक नदी
- सुबनसिरी नदी
- सुबनसिरी नदी ब्रह्मपुत्र की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो तिब्बत से निकलती है |
- अरुणाचल और असम की घाटियों से बहती हुई लखीमपुर जिले में यह ब्रह्मपुत्र से मिल जाती हैं |
- इस नदी को स्थानीय स्तर पर सोने की नदी (Gold River) भी कहा जाता है |
- कामेंग नदी
- कामेंग नदी अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले से निकलती है |
- यह नदी असम में तेजपुर के पास ब्रह्मपुत्र से मिलती है |
- इसे भरेली (Bhareli) नदी के नाम से भी जाना जाता है |
- कामेंग नदी के पास में काजीरंगा नेशनल पार्क है |
- यहां पढ़ें भारत के सभी नेशनल पार्क
- मानस नदी
- मानस नदी भूटान की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है |
- मानस नदी असम में बहती हुई जोगीघोपा के पास ब्रह्मपुत्र से मिलती हैं |
- इसी नदी के क्षेत्र में भारत और भूटान में मानस नेशनल पार्क स्थित है |
- संकोश नदी
- संकोश नदी भूटान से निकलकर भारत में असम राज्य में ब्रह्मपुत्र से मिलती है |
- तीस्ता नदी
- तीस्ता नदी सिक्किम के उत्तरी भाग में चोलामू झील से निकलती हैं |
- पढ़ें भारत की झीलें
- तीस्ता नदी को सिक्किम की जीवनदायिनी भी कहा जाता है |
- यह नदी सिक्किम और पश्चिम बंगाल की सीमा बनाती हुई बांग्लादेश में जाकर जमुना (ब्रह्मपुत्र) से मिल जाती हैं |
- तीस्ता नदी सिक्किम के उत्तरी भाग में चोलामू झील से निकलती हैं |
- बरनाडी नदी
प्रायद्वीपीय भारत की नदियां
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में से मुख्यतः पश्चिमी घाट से निकलती हुई पूर्व की तरफ जाकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है; जैसे कि गोदावरी, कृष्णा, आदि नदियां |
इनके अलावा काफी नदियां पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में गिरती है | जैसे कि नर्मदा, तापी, माही, साबरमती |
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में से ज्यादातर नदियों के पानी का स्रोत मानसून होता है और इस कारण कई नदियों में गर्मियों में पानी काफी कम हो जाता है |
पूर्व की तरफ बहने वाली नदियां बंगाल की खाड़ी में डेल्टा बनाती हैं जबकि पश्चिम में बहने वाली नदियां जैसे नर्मदा और ताप्ती ज्वारनदमुख (Estuary) बनाते हैं |
पश्चिम की तरफ बहने वाली नदियां
- नर्मदा नदी
- नर्मदा पश्चिम की तरफ बहने वाली सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय भारत की नदी है |
- नर्मदा नदी का उद्गम सतपुड़ा के उत्तर पूर्व की तरफ अमरकंटक के पठार से (मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के पास) होता है |
- नर्मदा नदी विंध्य पर्वत श्रेणी और सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के बीच रिफ्ट घाटी में बहती है |
- नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1310 किलोमीटर हैं और इसे मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है |
- मध्य प्रदेश से बहने के बाद नर्मदा गुजरात में भरूच के पास खंभात की खाड़ी (अरब सागर का हिस्सा) में गिर जाती हैं |
- नर्मदा नदी जबलपुर के पास धुआंधार जलप्रपात बनाती हैं |
- पढ़ें भारत के जलप्रपात
- नर्मदा नदी पर बांध सरदार सरोवर बांध, इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध, आदि है |
- तापी नदी
- तापी नदी का उद्गम सतपुड़ा श्रेणी से मुल्ताई, बेतूल जिला, मध्य प्रदेश से होता है |
- तापी नदी सतपुड़ा के बीच से निकलकर महाराष्ट्र में भी सतपुड़ा के दक्षिण समानांतर बहती है और फिर गुजरात में सूरत के पास खंभात की खाड़ी में गिरती है |
- तापी नदी पर गुजरात में उकाई बांध और महाराष्ट्र में हतनूर और गिरना बांध बने हुए हैं |
- पढ़े भारत के सभी बांध
- माही नदी
- उद्गम स्थल – विंध्य पर्वत, मध्य प्रदेश
- उद्गम के बाद यह उत्तर पश्चिम की तरफ बहती हुई राजस्थान के वागड़ क्षेत्र (डूंगरपुर और बांसवाड़ा) में जाती हैं और उसके बाद U-turn लेकर गुजरात में प्रवेश करती हैं |
- साबरमती नदी
- उद्गम स्थल – अरावली पर्वत श्रेणी, उदयपुर, राजस्थान
- अहमदाबाद साबरमती नदी के किनारे शहर स्थित है |
- यह खंभात की खाड़ी में गिर जाती है |
- लूणी नदी
- लूनी नदी का उद्गम स्थल राजस्थान में अजमेर के पास अरावली श्रेणी से होता है |
- यह पश्चिमी राजस्थान की प्रमुख नदी है, जिसका पानी बालोतरा (बाड़मेर) के बाद खारा हो जाता है |
- लूणी नदी कुल 511 किलोमीटर बहते हुए गुजरात में कच्छ के रण में फेल कर विलुप्त हो जाती है |
पूर्व की तरफ बहने वाली नदियां
- महानदी
- उद्गम स्थल – सिहावा पर्वत, छत्तीसगढ़
- कुल लंबाई – 851 किलोमीटर
- यह छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य में बहती है |
- उद्गम स्थल से निकलने के बाद पहले उत्तर की तरफ जाती हैं उसके बाद पूर्व की तरफ जाते हुए उड़ीसा राज्य में प्रवेश करती हैं |
- उड़ीसा राज्य में संबलपुर में विश्व का सबसे लंबा बांध हीराकुंड महा नदी पर बना हुआ है |
- उसके बाद यह नदी उड़ीसा के मैदानों में दक्षिण की तरफ बहने लगती है |
- उड़ीसा में बहती हुई यह नदी पारादीप के पास बंगाल की खाड़ी से मिल जाती हैं |
- महानदी पर कटक और पूरी शहर स्थित हैं |
- पढ़ें नदियों के किनारे शहर
- महानदी को पहले उड़ीसा का शोक भी कहा जाता था |
- महानदी की सहायक नदियां –
- बायीं ओर मिलने वाली – साईनाथ, हसदेव, मांड, ईब
- दायीं ओर मिलने वाली – ओंग, तेल, जोंक
- गोदावरी नदी
- गोदावरी नदी का उद्गम महाराष्ट्र में नासिक के त्रिंबकेश्वर के पास पश्चिमी घाट से होता है |
- गोदावरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है |
- 1465 किलोमीटर के साथ यह प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है |
- महाराष्ट्र से बहते हुए यह तेलंगाना में निजामाबाद जिले से प्रवेश करती हुई आंध्र प्रदेश से बहती हैं |
- बंगाल की खाड़ी में डेल्टा बनाने से पहले गोदावरी नदी गौतमी और वशिष्ठ नाम से दो शाखाओं में बट जाती हैं और यह दोनों शाखाएं भी आगे और दो शाखाओं में बटकर राजमुंद्री के पास बंगाल की खाड़ी में गिरती है |
- गोदावरी की सहायक नदियां –
- बायीं ओर मिलने वाली
- पूर्णा नदी
- इंद्रावती नदी
- सबरी नदी
- प्राणहिता नदी (प्राणहिता नदी सबसे बड़ी सहायक नदी है, जो कि पैनगंगा, वर्धा और वैनगंगा से मिलकर बनती है |)
- दायीं ओर मिलने वाली – डरना नदी, प्रवारा नदी, मंजीरा नदी, मनिहार नदी
- बायीं ओर मिलने वाली
- कृष्णा नदी
- उद्गम स्थल – सहयाद्री, पश्चिमी घाट, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र
- कुल लंबाई – 1401 किलोमीटर
- महाराष्ट्र से उद्गम होने के बाद में कृष्णा नदी कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से बहती है |
- कृष्णा नदी का डेल्टा सबसे उपजाऊ क्षेत्र बनाते हैं |
- आंध्र प्रदेश का विजयवाड़ा कृष्णा नदी के किनारे स्थित है |
- कृष्णा नदी की सहायक नदियां –
- दायीं ओर मिलने वाली – वेन्ना, कोयना, घाटप्रभा, मालप्रभा, तुंगभद्रा (सबसे बड़ी सहायक नदी), पंचगंगा, दूधगंगा
- बायीं ओर मिलने वाली – भीमा (सबसे लंबी सहायक नदी), मुसी, पलेरू, मुन्नेरू
- कावेरी नदी
- कावेरी नदी कर्नाटक के कोडागु जिले से पश्चिमी घाट में ब्रह्मागिरी श्रेणी से निकलती है |
- कावेरी नदी कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य में बहती हैं और इन्हीं के बीच कावेरी जल विवाद हैं |
- कावेरी नदी तमिलनाडु में बंगाल की खाड़ी में गिरती है |
- भारत का पहला हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट शिवसमुद्रम की स्थापना 1902 में कावेरी नदी पर ही की गई थी |
- कावेरी की सहायक नदियां –
- बायीं ओर मिलने वाली – हरंगी, हेमवती, सिमसा, अर्कावती
- दायीं ओर मिलने वाली – लक्ष्मणा, तीर्था, भवानी, अमरावती
- सुवर्णरेखा नदी
- उद्गम स्थल – रांची के पास, झारखंड
- यह झारखंड पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से बहती है |
- झारखंड का जमशेदपुर स्वर्णरेखा नदी के किनारे हैं |
- ब्राह्मणी नदी
- उद्गम स्थल – राउरकेला के पास, उड़ीसा
- यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है |
- पेन्नार नदी
- उद्गम स्थल – नंदी पहाड़ी, कर्नाटक
- यह कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से बहती हुई नेल्लोर जिले में बंगाल की खाड़ी में गिरती है |
- वैगई नदी
- उद्गम स्थल – वरुसुनाडु पर्वत, तमिलनाडु
- तमिलनाडु का मदुरई शहर वैगई नदी पर स्थित है |
- यह पाक जल संधि में पंबन ब्रिज के पास समुद्र में मिलती है |
- पढ़ें प्रमुख जलसंधि
दोस्तों इस Article में भारत की तमाम नदियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है अगर आपने यहां तक इसे पढ़ा है, तो मेरी आपसे विनती है कि आप इसे याद रखने के लिए अलग-अलग समय पर रिवीजन करते रहिए |
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Bharat Ka Nadi Tantra Map
भारत की नदियों से संबंधित प्रश्न [FAQ]
-
गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है ?
गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना नदी है, जिसकी लंबाई 1375 किलोमीटर है और यह प्रयागराज में गंगा नदी से मिल जाती है |
-
गोदावरी की प्रमुख सहायक नदियां कौन सी है ?
गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदियां निम्नलिखित हैं – बायीं ओर मिलने वाली पूर्णा नदी, इंद्रावती नदी, सबरी नदी, प्राणहिता नदी और दायीं ओर मिलने वाली – डरना नदी, प्रवारा नदी, मंजीरा नदी, मनिहार नदी | पूरी जानकारी पोस्ट में दी है |
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